JOHAR : Greet each other in all events and functions

मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब राज्य में होने वाले किसी भी सरकारी कार्यक्रम और समारोह में अभिवादन करने के लिए जोहार शब्द का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही अतिथियों का स्वागत करने के लिए फूल या बुके नहीं चलेगा। इसकी जगह पर अब पौधा, पुस्तक, शॉल या मोमेंटो देकर स्वागत किया जा सकता है।

जोहार जिसका अर्थ है ‘नमस्कार और स्वागत’, झारखंड के आदिवासी समुदायों और छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में उपयोग किया जाता है। झारखंड के कई आदिवासी नेताओं के अनुसार, जोहार शब्द का अर्थ ‘सम्मान देना’ भी है। जनजातीय समुदाय प्रकृति पूजक हैं और सरना धर्म संहिता का पालन करते हैं, हालांकि यह एक आधिकारिक धर्म नहीं है।